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क्या अपडेट करें ?

क्या अपडेट करें   ? .....   .....   ..... लोग कह रहे कहां खो गए, किसको सैट करें? भला बताओ आप बंधु, हम क्या अपडेट करें? ।।१।। जीवन की आपाधापी में, उलझन से दो चार हो रहे। कठिनाई प्रत्यक्ष खड़ी है, सुखाभास का भार ढो रहे। ऐसे में, किन आदर्शों से अपना पेट भरें? भला बताओ आप बंधु, हम क्या अपडेट करें?।।२।। काम, क्रोध, कुंठा पीड़ित हम, क्या यह सत्य नहीं? द्वेष छुपा मन में गहरे से, है यह कथ्य सही। अगर कहें यह सच तो, छवि को मटियामेट करें। भला बताओ आप बंधु, हम क्या अपडेट करें?।।३।। दोष कौन सा है ऐसा, जो मुझमें प्राप्य नहीं। कैसा सद्गुण छुपा हुआ है, जो दुष्प्रप्राप्य नहीं? ऐसे में शब्दों के बल, किसका आखेट करें? भला बताओ आप बंधु, हम क्या अपडेट करें?।।४।। अमर अति साधारण हैं, तनिक महान नहीं। और किसी को भ्रम होगा, पर मुझे गुमान नहीं। जब कुछ खास नहीं, तो कहने में क्यों लेट करें? भला बताओ आप बंधु, हम क्या अपडेट करें?।।५।। .......अमर _------_--------------

शमशान की वह भयावह रात एक संस्मरण

 मै अपने रिटायरमेंट के बाद झारखण्ड के रांची मे बच्चों के स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए 2008 से 2017 तक रहने का मौका मिला इस दौरान झारखण्ड को नजदीक से देकने और समझने का अवसर मिला वैसे उत्तरप्रदेश का मै मुल निवासी हूं मेरे प्रदेश और झारखण्ड के कई रीतिरिवाज मे काफ़ी विभिन्नता है l मुझे अच्छी तरह याद है मेरे मित्र के बड़े भाई का देहावसान के बाद उनके अंतिम संस्कार मे शामिल होने मै भी गया था, उसमे मैंने देखा की ब्यक्ति के आचरण और सामजिक स्टेटस के अनुसार घरवालें व रिस्तेदार उसे वो सबकुछ अंतिम भेंट स्वरुप दान कर रहे थे जिसे वो हमेशा प्रयोग अपने जीवन मे इस्तेमाल किये थे l मैंने पहली बार देखा की मरने वाले को  शराब व सिगरेट भी भेंट कर रहे थे lऐसा सुनने मे आया कि उक्त ब्यक्ति ने शराब, सिगरेट व चखने मे मटन बड़े ही चाव से अपने दोस्तों के साथ खाया करते थे l नाते रिश्तेदारों का मानना था कि ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी l अर्थी उनके दरवाजे से  ' राम नाम सत्य है ' बोलते हुए बैंड बाजे के साथ लोगो के अपार समूह के साथ स्वर्णरेखा नदी के तरफ चल पड़े लोगो ने राम नाम सत्य के जय घोष के साथ अ...

रामायण क्या है ????

रामायण क्या है..?? अगर कभी पढ़ो और समझो तो आंसुओ पे काबू रखना....एक रात की बात हैं, माता कौशल्या जी को सोते में अपने महल की छत पर किसी के चलने की आहट सुनाई दी..नींद खुल गई, पूछा कौन हैं ? मालूम पड़ा श्रुतकीर्ति जी (सबसे छोटी बहु, शत्रुघ्न जी की पत्नी)हैं ।माता कौशल्या जी ने उन्हें नीचे बुलाया | श्रुतकीर्ति जी आईं, चरणों में प्रणाम कर खड़ी रह गईं माता कौशिल्या जी ने पूछा, श्रुति ! इतनी रात को अकेली छत पर क्या कर रही हो बेटी ? क्या नींद नहीं आ रही ? शत्रुघ्न कहाँ है ? श्रुतिकीर्ति की आँखें भर आईं, माँ की छाती से चिपटी,  गोद में सिमट गईं, बोलीं, माँ उन्हें तो देखे हुए तेरह वर्ष हो गए । उफ !  कौशल्या जी का ह्रदय काँप कर झटपटा गया तुरंत आवाज लगाई, सेवक दौड़े आए ।  आधी रात ही पालकी तैयार हुई, आज शत्रुघ्न जी की खोज होगी,  माँ चली..आपको मालूम है शत्रुघ्न जी कहाँ मिले ? अयोध्या जी के जिस दरवाजे के बाहर भरत जी नंदिग्राम में तपस्वी होकर रहते हैं, उसी दरवाजे के भीतर एक पत्थर की शिला हैं, उसी शिला पर, अपनी बाँह का तकिया बनाकर लेटे मिले !!  माँ सिराहने बैठ गईं, बालों में हाथ ...

poetry

अ पाक तू बर्बाद था और बर्बाद ही रहेगा, अपनी ही नस्लों के लिए बेबुनियाद रहेगा, खून से लिखी जिस धरा की कहानी वीरों ने l  वो हिन्द जिंदा बाद था जिंदाबाद ही रहेगा ।।            जय हिन्द, वन्देमातरम        🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏

कृपया 5 मिनट का समय दे और इस लेख को पढ़े मन को बड़ा बल मिलेगा हृदय को सुकून लगेगा।आज मैं आप सब के समक्ष पिछले 60 वर्ष के परिवर्तन के दौर का एक दर्पण प्रस्तुत कर रहा हूँ।आज लोगो को सन्तान पालना एक बहुत मुश्किल काम हो गया है बच्चों को किन सिद्धांतों से पाला जाए यह मुश्किल विषय है। दौरों का परिवर्तन इस प्रकार हुआ।1💐,60 वर्ष पहले बच्चे Instruction Base Theory अर्थात आदेश आधारित सिद्धांत था :- इस समय घर के बुजुर्ग दादा दादी पिता या बड़ा भाई जो घर का मुखिया होता था उसके आदेशो पर बच्चों को चलना होता था और बच्चे उनके आदेशो पर संस्कार व्यवहार सीखते थे बात मानते थे। इस समय कोई तर्क नहीन ही कोई चांस नही की आदेश का पालन न हो।2,💐दूसरा दौर आया Discussion Base Theory अर्थात विचार विमर्श का सिद्धांत :- अब इस दौर में माता पिता के आदेशों पर विचार विमर्श होने लगा और कहा गया पापा आपकी बात समझ नही आ रही है पर चलिए ठीक है। बातें मानी गई पर धीमी गति से चर्चाओं से।3,💐 अब आया तीसरा दौर Debate Base Theory अर्थात तर्क वितर्क पर आधारित सिद्धांत :-अब माता पिता जो बात कहते बच्चे तर्क करने लगे नही पापा यह गलत और यह सही है अब माता पिता बोले भगवान है बोले दिखाओ बोले पैर छुओ बोले क्यो छुए माता पिता बोले भगवान आसिरवाद देगा बोले पूजा पर ही आसिरवाद यैसा क्यो। मुख्य रूप से इस दौर में बच्चे अपने को माता पिता से अधिक बुद्धि वाले समझने लगे और माता पिता फेल होने लगे परिणाम बदलने लगे संस्कार खत्म होने लगे।4,💐अब आया वर्तमान और चौथा दौर Deny Base Theory अर्थात हर बात को इनकार कर अपनी मर्जी से काम करना माता पिता की बातों का कोई परवाह नही कोई फिक्र नही अब बच्चों और माता पिता में कलह, झगड़े, तिरस्कार बाहर और घर का वातावरण बहुत खराब संस्कार हीनता, दुष्कर्मो की आंधियां हुई गलत रास्तो पर गमन , नग्नता का प्रदर्शन व्यवहार में परिवर्तन । एक वक्त था जब बच्चों को बड़ा होते देख माता का ह्रदय प्रफुल्लित होता था पिता की छाती चौड़ी होती थी घर मे खुशियों का आगाज होता था परिवार में नाम सम्मान बढ़ता था। आज बच्चे बड़े हुए पिता की कमर झुक गई मां के आखो के नीचे काले घेरे आ गए परिवार घर सब चिंता कलह टेंशन से माता पिता बीमारी ग्रस्त ।💐अभी रौशनी दो कदम ही गई है दिए को किसी की नजर लग गई है💐 बस आज का समय आया माता पिता बच्चों से डरने लगे उनसे भागने लगे डर डर के जीने लगे बेटे जबाब देने लगे बहुये जबाब देने लगी आज माता पिता आधार शून्य हो गए।इसे आप शिक्षा का युग कहे या पैसे का युग कहे या शोहरत का युग कहे पर समाज आडोलित है । हम अपने ही घर मे आसुओ पर जी रहे है संस्कार नही व्यवहार नही। विषय विचारणीय है पर क्या कोई रौशनी की उम्मीद है कि पाँचवे दौर में क्या दिखेगा।

भारत और भारतीयता पर आंच एक संस्मरण

रामनवमी के दिन कल जो देश में हुआ वो शर्मनाक है, क्या हम भारत व भारतीयता दोनों भूल चुके हैं या जो भी हो रहा है सबके पीछे एक साजिश है ? अपने ही देश में तीज- त्यौहार हम नहीं मना सकते l क्या आपसी सौहार्द से इस समस्या का हल नहीं हो सकता ????  राम के देश में ही हम रामनवमी नहीं मना सकते ???? आखिर देश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय में पूजा के बीच में मांस हॉस्टल में नहीं परोसने पर एक सांप्रदायिक रूप ले लेता है जहाँ रॉड और डंडो से तांडव करते हुए मारपीट होती है जहाँ लड़कियों को भी नहीं छोड़ा जाता यही नहीं पश्चिमबंगाल में तो शोभा यात्रा में रामभक्तों पर  पथराव तथा पेट्रोल बम से हमला किया जाता है ममता जी को अब कैसे समझाये इन्होने तो बंगाल को मिनी पाकिस्तान बना दिया है l देश के दूसरे राज्यों में भी जैसे गुजरात, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में शोभा यात्रा  / जुलुस पर पत्थरबाज़ी होना क्या दर्शाता है, हम अपनी संस्कृति भूल चुके हैं ????? ये लेफ्टविंग व राइटविंग कहाँ से आया, क्या इनमे से कोई भारतीय नहीं है, क्या ये भारतीय संस्कृति को तार तार करना चाहते हैं ??? विचारों की लड़ाई क...

पावरकट अभिशॉप या वरदान

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आज हर ब्यक्ति परिस्तिथि बस एकांकी जीवन जीने के लिए बाध्य है कभी हमने इस मुद्दे पर विचार किया है कि ऐसा क्यों हो रहा है l चलिए इस पर हम गहराई से विचार करते हैl अर्बन जीवन सभी सुख सुविधाओं से भरा हुआ है जैसे अगर हम अपने घर को ही ले तो पाएंगे कि घर पर जरुरत कि प्रत्येक सुख सुविधा होती है जैसे अच्छा घर, ब्यक्तिगत शयन कक्ष, टीवी, वाशिंग मशीन लैपटॉप या डेस्कटॉप, आईफ़ोन , मोबाइल , आधुनिक सुख सुविधा से भरा पूरा किचन ,वाइफाई , म्यूजिक सिस्टम, एयर कंडीशन आदि लेकिन जैसे ही पावरकट होता है तो इन्वर्टर होने के कारण एक से तीन घंटे तक तो सब कुछ नार्मल रहता है लेकिन इसके बाद पूरा परिवार गर्मी के कारण एक जगह खड़ा होता है और शुरू होता है सरकार को बिजली के लिए कोसना, भारत में कुछ नहीं हो सकता? कब तक ये बाते होंगी अंततः घर क़ी रिस्तेदारो की मित्रों की और सुख दुःख कि बातें प्रारम्भ हो जाति है 😃, चलो इसी बहाने हम एक दूसरे के लिए समय तो दिए, नहीं तो अक्सर लोग पास होते हुए भी पास नहीं होते ! सब के सब अपने मोबाइल पर किसी ना किसी सोशल साइट पर ब्यस्त रहते है l यहाँ हम सभी को जिन्हे एकांकी जीवन पसंद नहीं बिजली बिभाग...