वर्तमान पीढ़ी के सोच ❤️
हमें लगता है की जिसे हमने जन्म दिया हैँ वो हमारे सोच की पीढ़ी दर पीढ़ी इज्जत करेगा जैसे हम सबने अपने पेरेंट्स, दादा परदादा के साथ करते रहे है, नहीं दोस्तों अब हमें अपनी सोच को दरकिनार कर नयी पीढ़ी के साथ हां में हाँ मिलाना पड़ेगा लेकिन कई जगहों पर हमारा ईगो बिरोधाभाश लिए दिवार की तरह खड़ा हो जाता है, जिसे हमें नज़रअंदाज़ कर देना चाहिए लेकिन हम नहीं कर पाते ! जिससे 20 में 19 जगहों पर आपसी सामंजस्य काबिलेतारीफ होने के बावजूद एक जगह पर विरोधाभाष होने पर हम सरासर गलत करार दिए जाते है l कभी आपने इस पर खुले दील से विचार किया है ??? मेरे अनुसार हम करना तो अच्छा चाहते हैँ लेकिन वहां नकारात्मकता जन्म ले लेती हैँ और हमें ये कहकर नकारात्मक सोच रखने वाला साबित कर दिया जाता है,आप की जिम्मेदारी अब नहीं रही , चैन से खाना खाओ और चिल्ल करो l ऐसे में हमें किस तरह का ब्यवहार करना चाहिए विचार करने की आवश्यकता है ???? 🙏🙏 Solomon🙏🙏