शमशान की वह भयावह रात एक संस्मरण

 मै अपने रिटायरमेंट के बाद झारखण्ड के रांची मे बच्चों के स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए 2008 से 2017 तक रहने का मौका मिला इस दौरान झारखण्ड को नजदीक से देकने और समझने का अवसर मिला वैसे उत्तरप्रदेश का मै मुल निवासी हूं मेरे प्रदेश और झारखण्ड के कई रीतिरिवाज मे काफ़ी विभिन्नता है l मुझे अच्छी तरह याद है मेरे मित्र के बड़े भाई का देहावसान के बाद उनके अंतिम संस्कार मे शामिल होने मै भी गया था, उसमे मैंने देखा की ब्यक्ति के आचरण और सामजिक स्टेटस के अनुसार घरवालें व रिस्तेदार उसे वो सबकुछ अंतिम भेंट स्वरुप दान कर रहे थे जिसे वो हमेशा प्रयोग अपने जीवन मे इस्तेमाल किये थे l
मैंने पहली बार देखा की मरने वाले को  शराब व सिगरेट भी भेंट कर रहे थे lऐसा सुनने मे आया कि उक्त ब्यक्ति ने शराब, सिगरेट व चखने मे मटन बड़े ही चाव से अपने दोस्तों के साथ खाया करते थे l नाते रिश्तेदारों का मानना था कि ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी l अर्थी उनके दरवाजे से  ' राम नाम सत्य है ' बोलते हुए बैंड बाजे के साथ लोगो के अपार समूह के साथ स्वर्णरेखा नदी के तरफ चल पड़े लोगो ने राम नाम सत्य के जय घोष के साथ अपने कंधो पर उठाकर नदी की ऒर चल पड़े । हंसी खुशी के साथ लोग नदी घाट तक पहुँच गए, रास्ते या घर पर मैंने किसी को भी रोते हुए या गमगीन नहीं देखा l मोहल्ले के सभी बूढ़े, बड़े व जवान उनके अर्थी में शामिल हुए थे। इस भींड मे चाको भी था जो इस महान कार्य मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेता था l चाको को कई बार रास्ते मे कन्धा देते हुए मैंने देखा था, जो उनकी अर्थी सजाने मे प्रमुख भूमिका निभा रहा था l घाट पर नदी के किनारे शव को चिता पर लिटाकर हिंदू रीति रिवाज सहित उसके परिवार वालों ने मुख़ागनी जो हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार अंतिम विदाई दे दिया गया l चंदन की लकड़ी और घी के प्रचूरता के कारण लाश दो तीन घंटे में जल गई  । इसके बाद उनके परिवार वालों ने परंपरानुसार नदी के किनारे ही शराब की एक शानदार पार्टी आयोजित किया था जो कि हमारे लिए एक नयी बिधा थी इसे देखकर मै कुछ अचंभित था पर धीरे 2 मै सहज़ हो गया l सभी लोग खाने पीने मे ब्यस्त हो गए । मुफ्त की शराब चाको ने कुछ ज्यादा ही पी ली थी । वो नदी के किनारे पर नशे की वजह से गिर पड़ा और वही सो गया।
मोहल्ले के लोग नदी में स्नान कर बरसात की वजह से जल्दी जल्दी अपने घर आ गए।
करीब आधी रात को निर्मल को होश आया लेकिन वहां का भयानक दृश्य देखकर उसके होश उड़ गए।भय से वो फिर बेहोश होकर गिर पड़ा। वहा दो तीन लाश और धू धू कर जल रही थी। मगर आस पास कोई नही था।कुछ अधजली लाशों कुत्ते और सियार नोच कर खा रहे थे और डरावनी आवाज में चिल्ला रहे थे ।कुछ आपस मे लड़ भी रहे थे।तभी जोरो से बादल गरजने लगे और बिजली कड़कने लगी फिर आंधी तूफान के साथ बारिश होने लगी। जिससे जलती चिताएं बुझ गई और वहां घुप अंधेरा फैल गया। चाको हड़बड़ा कर उठ बैठा । अब उसका नशा काफुर हो चुका था ।भय से उसका पूरा शरीर सिहरने लगा था।थोड़ी देर बाद बारिश बंद हो गई।नदी का पानी बढ़ने लगा था।बिजली चमकने पर उसने देखा नदी उफान पर बह रही थी ।किसी तरह वो नदी से दूर भागने लगा।लेकिन चिकनी मिट्टी होने से उसके पैर फिसल जा रहे थे।बड़ी मुश्किल से वो नदी से दूर भाग पाया लेकिन बालू चारो तरफ फैले होने के कारण उसके पैर उसमे धंस रहे थे। डर से उसकी जान आधी हो गई थी । वो पसीने पसीने हो गया था। वर्षा बंद होते हो फिर कुत्तों और सियारो के चिल्लाने की आवाजे आने लगी थी। जानवरो को मानव गंध महसूस होते ही वो चाको की तरफ भौंकते हुए लपके । खतरा भांपते ही निर्मल पुरे जान लगा कर भागने लगा।लेकिन किसी चिकनी चीज पर पैर पड़ते ही वो लड़खड़ा कर गिर पड़ा।चिकनी चीज एक अजगर सांप था ।उसने उसके एक पैर को अंधेरे में जकड़ लिया।अब जमीन पर पड़ा घसीटने लगा तब तक कुत्ते और सियार उसके नजदीक आ चुके थे ।मौत को सामने देख उसने पूरी ताकत लगाकर उस अजगर को अपने पैर से छुड़ाया और उन खतरनाक कुत्तों  और सियारो पर जोर से फेंक दिया। 
वे सब भाग खड़े हुए।सामने बड़ी बड़ी झाड़ियां थी और अंत में एक पीपल का बड़ा सा पेड़ था। वो पीपल के पेड़ के पास जाना चाह रहा था ताकि जानवर उस पर फिर हमला करे तो वो पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचा सके।लेकिन वो टस से मस नहीं हो पाया उसे लगा किसी ने उसका कुर्ता पकड़ लिया है।उसे पक्का यकीन हो गया श्मशान के भूत प्रेतो ने उसे पकड़ लिया है।पानी बंद हो चुका था ।लेकिन बादलों का गरजना और बिजली का चमकना बंद नही हुआ था। झिंगुरो की आवाजे आ रही थी जो बेहद डरावनी लग रही थी। चारो तरफ घुप अंधेरा और सियारो का चीखना चिल्लाना और आपस में बड़े ही खूंखार अंदाज में लड़ना माहौल को और भी भयावह बना रहे थे।
ऊपर से अब उस पर भूत प्रेतो का हमला निर्मल की जान निकली जा रही थी।उसे अपनी मौत निश्चित नजर आ रही थी। वो डर से फिर बेहोश हो गया।
तभी चार पांच गाड़ियों के रुकने की आवाज और लाइट नजर आई।एक ब्राह्मण बुजुर्ग की अर्थी लेकर आए थे सभी ।गाड़ियों की रोशनी में सबने एक आदमी को झाड़ियों के पास बेहोश और घायल अवस्था में देखा ।कुछ लोगो ने उसे किसी तरह होश में लाया।पूछने पर उसने अपने बारे में पूरा बताया।
एक विद्वान ब्राह्मण ने बताया पहली बात की शमशान एक पवित्र और शुद्ध स्थान होता है। यहां लाशे तो जलती है मगर उससे पवित्र स्थान कोई नही होता है। यहां भगवान शिव का वास होता है और आदि शक्ति काली मां बिराजती है।जिसे तुमलोगो ने शराब पीकर अशुद्ध किया।
तुम पर भूतो ने हमला नही किया था बल्कि तुम्हारा कुर्ता झाड़ियों में फंस गया था। डर से तुम्हे लगा की तुम्हे भूतो न पकड़ लिया है और तुम बेहोश हो गए थे।तुम पर कुत्तों और सियारो ने हमला कर दिया । वो तो अच्छा हुआ हमलोग समय पर आ गए वरना तुम्हारा राम नाम सत्य हो गया होता।तभी निर्मल के मोहल्ले वाले उसे ढूढते हुए लाठी डंडा और टार्च लेकर आ गए। पंडित जी ने उन लोगो को भी शराब पीने के लिए काफी डांटा और कहा जब साथ आए थे तो इसे भी साथ ले गए रहते । भगवान भोले नाथ की कृपा से हमलोग आ गए जिससे इसकी जान बच गई।
सबने अपनी गलती के लिए माफी मांगा और कहा अब हमलोग ऐसी गलती नहीं करेंगे। फिर सबने मिलकर उस बुजुर्ग ब्रहाम्न के शव का अन्तिम दाह संस्कार किया तब तक सुबह हो गई थी ।सब लोग निर्मल को साथ ले गए और उसका इलाज करवाया।


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