संवादहीनता

मित्रों हम सब के जीवन में परेशानीयों का सबसे बड़ा कारण आपसी संवादहीनता है, हम हफ्तों महीनों एक दूसरे से बातचीत नहीं कर पाते चाहे वो घर हो या कार्यालय, इसके कारण हम धीरे धीरे अकेले पड़ जाते है, हमारे बीच से ही ये आवाज़ उठने लगती है सामने वाला किसी से बात नहीं करता, इस तरह हम अभिमानी कहलाते है l जो हो रहा है ठीक हो रहा है मैं क्या कर सकता हुँ  l हम अगर घर पर बच्चों के साथ, अपनी पत्नी के साथ या फिर अपने बड़ो के साथ  बात ही नहीं करते जो हमें सबसे दूर कर देता है, ऐसा नहीं की  हम समयाभाव के कारण ऐसा नहीं कर पाते अपितु हमें खाना खाते समय डाइनिंग टेबल पर या आउटिंग के समय परिवार के सदस्यों की परेशानी व ख़ुशी को एक दूसरे से साझा कर सकते है, सलाह मशवरा देकर संवादहीनता को हम कुछ कम कर सकते है, जो निरंतर चलते रहना चाहिए जो एक " life long process "है l
यहाँ एक बात और आती है की इस पर अमल कौन करें ??? छोटे बड़ो का ख्याल छोड़कर हममें से किसी को तो  अमल करना होगा इससे अपने रिश्तों को अच्छा बनाया जा सकता है, अन्यथा हम हाथ मलते रह जायेंगे l साथ ही अगर ऐसा नहीं करने पर  एकांकी जीवन जीने के लिए हम बाध्य होंगे अतः मित्रो रिश्ते त्याग व बलिदान से बनते है इसे हमें नहीं भूलना चाहिए l
ऐसा नहीं की हम अपनी जिम्मेदारी पूरा नहीं कर रहे है अगर एक प्रमुख बात जिस पर हमें विचार करना होगा,दुःख सुख और प्राथमिक आवश्यकता को पूरी कर देने मात्र से ही हमारे रिश्ते ठीक नहीं हो जाते, आपसी संवाद अत्यंत ही जरुरी माध्यम है जिसे हमें नहीं भूलना चाहिए l
  🙏🙏🙏solomon 🙏🙏🙏

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