भोजपुरिया बात

गज़ल——————
मुँह पे  मावुर रखला में शान का बाटे ?
हँस देला में आख़िर नुक़सान का बाटे ?

जवन होखे के बा उ त होखबे करीं ,
चिरई नियन पिंजरा में प्राण का बाटे ?

जे आपन होइ लौट के आयी ज़रूर,
बोलावे के सरकारी फ़रमान का बाटे ?

नेह छोह बनल रहो अऊरी का चाहीं,
ये जिनगी के सिरहांन-पैतान का बाटे ?

प्रेम-स्नेह अपनापन हर धर्म के सार ह,
प्रेम के आगे आरती आजान का बाटे ?

घर के आँगन में कौनो देवाल ना उठे, 
माई-बाबू जी से ऊँचा स्थान का बाटे ?

“शयाम” दुरुस्त बा ईमान त ठीक बा सब,
किरिया खाये के गीता क़ुरान का बाटे ?

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