करगिल दिवस पर -शहीदों की याद ------------------------------------------- भारत ने जीता युद्ध मगर कुछ बेटों को भी हारा था । थर थर कांपी मेरी छाती जब योद्धा आंगन उतरा था ।। इस भीषण युद्ध विभीषिका में हमने भी लाल गवाए हैं , कुछ ऐसे वीर बाँकुरे थे जो कांधे पर घर आये हैं , आँगन में अर्थी रखी देख दो शब्द गगन में डोल रहे , बिटिया तुतला कर पूंछ रही मेले पापा क्यों नां बोल लहे , बच्ची की करुण पुकारों से टूटा नभ से इक तारा था । भारत ने जीता युद्ध मगर कुछ बेटों को भी हारा था ।।1 माँ अपनी छाती पीट पीट सर मार रही थी धरती पर , पत्नी भी होश गवा बैठी गिर पड़ी कंत की अर्थी पर , बापू धीरे से सुबक रहे अब राजू मेरा रूठ गया , भाई फफक फफक रोता अब बाजू मेरा टूट गया , नदी भाँती बिलख रही विधवा का छूटा एक किनारा था। भारत ने जीता युद्ध मगर कुछ बेटों को भी हारा था ।।2 चूड़ी टूटी बिछुए उतरे सिंदूर भाल का पिघल गया , पायल टूटी कंगने उतरे गल मंगल बंधन निकल गया , कोने में बहना बिलख रही रक्षा का बंधन टूट गया , चाची तायी बूआ रोयीं क्यों कुल का नंदन रुठ गया , रोये बचपन के सब साथी क्या यार ...
कृपया 5 मिनट का समय दे और इस लेख को पढ़े मन को बड़ा बल मिलेगा हृदय को सुकून लगेगा। आज मैं आप सब के समक्ष पिछले 60 वर्ष के परिवर्तन के दौर का एक दर्पण प्रस्तुत कर रहा हूँ। आज लोगो को सन्तान पालना एक बहुत मुश्किल काम हो गया है बच्चों को किन सिद्धांतों से पाला जाए यह मुश्किल विषय है। दौरों का परिवर्तन इस प्रकार हुआ। 1💐,60 वर्ष पहले बच्चे Instruction Base Theory अर्थात आदेश आधारित सिद्धांत था :- इस समय घर के बुजुर्ग दादा दादी पिता या बड़ा भाई जो घर का मुखिया होता था उसके आदेशो पर बच्चों को चलना होता था और बच्चे उनके आदेशो पर संस्कार व्यवहार सीखते थे बात मानते थे। इस समय कोई तर्क नहीन ही कोई चांस नही की आदेश का पालन न हो। 2,💐दूसरा दौर आया Discussion Base Theory अर्थात विचार विमर्श का सिद्धांत :- अब इस दौर में माता पिता के आदेशों पर विचार विमर्श होने लगा और कहा गया पापा आपकी बात समझ नही आ रही है पर चलिए ठीक है। बातें मानी गई पर धीमी गति से चर्चाओं से। 3,💐 अब आया तीसरा दौर Debate Base Theory अर्थात तर्क वितर्क पर आधारित सिद्धांत :- अब माता पिता जो बात कहते बच्चे तर्क करने लगे नही पापा यह गल...
गज़ल—————— मुँह पे मावुर रखला में शान का बाटे ? हँस देला में आख़िर नुक़सान का बाटे ? जवन होखे के बा उ त होखबे करीं , चिरई नियन पिंजरा में प्राण का बाटे ? जे आपन होइ लौट के आयी ज़रूर, बोलावे के सरकारी फ़रमान का बाटे ? नेह छोह बनल रहो अऊरी का चाहीं, ये जिनगी के सिरहांन-पैतान का बाटे ? प्रेम-स्नेह अपनापन हर धर्म के सार ह, प्रेम के आगे आरती आजान का बाटे ? घर के आँगन में कौनो देवाल ना उठे, माई-बाबू जी से ऊँचा स्थान का बाटे ? “शयाम” दुरुस्त बा ईमान त ठीक बा सब, किरिया खाये के गीता क़ुरान का बाटे ?
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