मन की बात

#नववर्ष 🌹😊🌹
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भाव हृदय के जम गये,क्या विषाद,क्या हर्ष।
कुहरा  इतना  है  घना, दिखा  नहीं  नववर्ष ।।

आम जनों को क्लेश है, राज जनों को हर्ष।
ठिठुरी  सबकी  जिंदगी,का‌ँप  रहा  नववर्ष।।
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#अमर । 🙏🏻🌹🙏🏻
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